मुद्दत से थी जिसकी खोज मुझे
अनायास ही हो गयी मुलाक़ात !
तन्हा , चला जा रहा था कहीं……,
कि, देखा उसे आते हुए पास !!1!!
मिले ठहरे, रुके कुछ देर वहां
और रहे,बिना कुछ कहे बात !
मुद्दत से थी जिसकी खोज मुझे…..,
अनायास ही हो गयी मुलाक़ात !!2!!
देख, निःशब्द एक दूजे को
कहे बगैर , गए समझ सब बात !
मुद्दत से थी जिसकी खोज मुझे….,
अनायास ही हो गयी मुलाक़ात !!3!!
बिन बोले सुनाए आप बीती
कर ली नयनों ने ही जाँच !
मुद्दत से थी जिसकी खोज मुझे……,
अनायास ही हो गयी मुलाक़ात !!4!!
मत छेड़ो कोई नींद को मेरी
कि, देख रहा हूं हसीन ख़्वाब !
मुद्दत के बाद हूं मैं उसकी….,
पनाह में कर रहा मुलाक़ात !!5!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान