(1)”मु “, मुक़म्मल वही जीवन है
जो रहे सदा मुस्कुराए !
औरों को भी हँसाए…….,
और स्वयं भी मुस्कुराएं !!
(2)”स् “, स्वागत करें हरेक का
दिल से सदा मुस्कुराते !
खिला दें मन की बगिया….,
हँसते मिलते गुदगुदाते !!
(3)”कु”, कुछ हो ना हो कभी भी
फिर भी हम मुस्कुराएं !
जीवन के हरेक क्षणों में………,
मुस्कुराएं और खिलखिलाएं !!
(4)”रा “, राहत सुकून देती
आप की एक मुस्कुराहट !
सारे दुःखों को हर लेती……,
और भर देती गर्माहट !!
(5)”इ “, इबादत है मुस्कुराना
फलसफा ज़िन्दगी का !
चलना बांटते इसको……,
ये नेमत है ख़ुदा का !!
(6)”ए “, एक बार मुस्कुराइए
ज़िन्दगी मुस्कुरा देगी !
चहुँ ओर से बहारें…….,
महफिलें सजा देंगी !!
(7)”मुस्कुराइए”, जनाब तुम
फिर देखिए ज़िन्दगी को !
आगे से आगे मिलाएगी……,
खिलखिलाती दुनिया को !!
(8)”मुस्कुराइए “, जीवन की
है सबसे बड़ी नेमत !
ईश्वर ने बख्शी है…….,
इंसानों को ये दौलत !!
(9)”मुस्कुराइए”, खिलखिलाइए
और बांटिए ये दौलत !
इसके आगे सारी……,
है फीकी ये कायनात !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान