(1)”सि “, सियाराम जपें तो मिलें प्रभु
बस राम नाम ही है एक सहारा !
मिलते हरि हैं यहां उनको…..,
जिसने हरि को ह्रदय बसाया !!
(2)”म “, मन ही मन जो भजे राम को
वही पहुंचे सीधे श्री धाम !
राम नाम को भजते चल रे…..,
बनते चलेंगे तेरे काम !!
(3)”र “, रग-रग में बसते हैं श्रीराम
देख लें मन के खोल कपाट !
प्राणों में बसते मेरे राम….,
श्वासों से जपते दिन और रात !!
(4)”न “, नयनों से बहती अश्रुधारा
श्रीप्रभु नाम की महिमा गावै !
श्री राम हमारे बड़े कृपालु……,
हर्षत आवै , मन को भावै !!
(5)”सिमरन”, सिमरन है सब तालों की चाबी
ये चले खोलते सारे द्वार !
राम नाम जपें मिलके सभी…,
होगा सभी का यहां उद्धार !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान