मनोरंजन

नवरात्रि मुक्तक – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

शैलपुत्री –

शैल पुत्री की कृपा संसार को मिलती रहे।

मातु की शुभ भक्ति की लौ प्रेम से जलती रहे ।

प्रतिपदा से देश के नव वर्ष का आरंभ हो,

अंब के वरदान से झोली सदा भरती रहे।

ब्रह्मचारिणि –

ब्रह्मचारिणि तव कृपा का दान सबको दीजिये।

सर्वजन के सर्वदुख भवताप भी हर लीजिये।

आप सम अतुलित तपस्या कामना पूरी करे।

मानवी संताप का अब नाश जग से कीजिये।

चंद्रघंटा –

चंद्रघंटा विश्व की विपदा सकल हरदम हरें।

तव अलौकिक रूप लख कर भाव नव दिल में भरें।

दिव्यता अनुपम तुम्हारी शुभ नवल अनुभूति दे।

दानवी हर कृत्य का माता शमन प्रतिपल करें।।

कूष्मांडा –

मातु कूष्मांडा हमेशा झोलियाँ भरती रहें।

भक्त संकट में पड़े उद्धार तब करती रहें।

सूर्य सम है कांति जिससे जगत में आलोक हो।

नौ दिनों माता तुम्हारी चौकियाँ सजती रहें।।

स्कंदमाता –

पूजते स्कंद माता को सदा कर जोड़ कर।

जाप नौ दिन भक्त करते कार्य पीछे छोड़ कर।

पूर्ण करती कामना जो भक्त निज मन में रखें।

हर विपद में साथ देतीं मुख न जाती मोड़ कर।।

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश

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