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श्री मातारानी – सुनील गुप्ता

श्री मातारानी के दर पर आ,

हम करते हैं नित पूजन अर्चन   !

कर श्रृंगार और चढ़ाकर पुष्प…..,

हम करते हैं नित आकर वंदन !!1!!

 

श्री मातारानी के करके दर्शन,

होते हैं हम सभी आह्लादित  !

देख मातारानी का दिव्य-भव्य रुप….,

हम होते हैं सभी यहां आनंदित  !!2!!

 

बस एकटक निगाहें देखती रहती,

पलभर के लिए भी नहीं हटती   !

सुन्दर दृश्यों को नयनों में भर….,

दिनभर ऊर्जा मिलती रहती  !!3!!

 

माँ के भजनों को गा गाकर,

हम अपने मन को हर्षाते हैं  !

सुन माता की गुणगान कथाएं…..,

हम आनंद से भर-भर जाते हैं  !!4!!

 

कर मातारानी की नौ दिन पूजा,

कट जाते हैं सारे क्लेश विकार  !

पाते माँ से आध्यात्मिक ऊर्जा…..,

चले आए जीवन में नित निखार !!5!!

-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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