लय के तार पर सध कर, मधुर संगीत बनता हैं,
विचारों की कसौटी पर, शब्द संसार कसता हैं,
कविता में निखर कर भाव का संसार सजता है,
दिलों में प्रेम बस जाए सुखद संसार लगता है।
हे राम तुम्हारा स्मरण मात्र, तन मन पवित्र कर देता है,
जीवन के सब संत्रासो से, तत्क्षण मुक्त कर देता है।
तेरे आदर्शों पर चलकर जीवन सफल हो जाता है,
तुझमें जो रम गया मोक्ष का द्वार उसे मिल जाता है।
– डा० क्षमा कौशिक, देहरादून , उत्तराखंड