मनोरंजन

हमारी यात्रा बहुत छोटी है – सुन्दरी नौटियाल

एक महिला बस पर चढ़ गई और एक आदमी के पास बैठ गई, उससे अपने साथ लाये कई बैगों से धक्का लग गया।

जब वह आदमी चुप रहा, तो महिला ने उससे पूछा कि मेरे बैग से धक्का लगने के बाद तो उसने शिकायत क्यों नहीं की?

उस आदमी ने मुस्कराते हुए जवाब दिया:

“इतनी महत्वहीन बात के बारे में परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारी यात्रा एक साथ इतनी छोटी है!

मैं अगले स्टॉप पर उतर रहा हूँ!”

इस जवाब ने महिला को इतना परेशान कर दिया, उसने उस आदमी से उसे माफ करने के लिए कहा और सोचा कि शब्दों को स्वर्णाक्षरों में लिखने की जरूरत है।

इस संसार में हमारा समय इतना कम है, कि व्यर्थ के तर्कों, ईर्ष्या, दूसरों को क्षमा न करने, असंतोष और बुरे व्यवहार से इसे काला करना अपने समय और ऊर्जा की हास्यास्पद बर्बादी है।

क्या किसी ने आपका दिल तोड़ा?  कृपया शांत रहें। क्योंकि यात्रा बहुत छोटी है

क्या किसी ने आपको धोखा दिया, धमकाया, दुःख दिया या अपमानित किया?

आराम करें – तनावग्रस्त न हों क्योंकि यात्रा बहुत छोटी है।

क्या किसी ने आपका अकारण अपमान किया?

कृपया शांत रहें। इसे नजरअंदाज करो। क्योंकि यात्रा बहुत छोटी

– सुन्दरी नौटियाल (शोभा), देहरादून , उत्तराखंड

Related posts

गजल. – रीता गुलाटी

newsadmin

माँ भवानी – कमल धमीजा

newsadmin

हे माँ जगदम्बे – कलिका प्रसाद

newsadmin

Leave a Comment