मनोरंजन

आजादी के दीवाने – रेखा मित्तल

आज आज़ाद हवा में महक है,

आजादी के दीवानों की,

सुनाते हैं हम अनोखी दास्तां,

भारत मां के मतवालों की।

भगतसिंह, सुखदेव,राजगुरु,

ने दिया इंकलाब का नारा था,

हर कोड़े पर भारत मां की जय,

रग-रग में भरी ज्वाला थी।

सुभाष चंद्र, गांधी ,शहीद ऊधम,

बिगुल स्वराज्य का बजाया था,

स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार,

अंग्रेजों को यह समझाया था।

लक्ष्मीबाई, तांत्या टोपे, मंगल पांडे,

अकेले खूब लड़ी लड़ाई थी,

लूटकर खजाना अंग्रेजों का,

क्रांति की ज्वाला धधकाई थी।

अकेले बांध सिर पर कफ़न,

लालाजी ने लाठियां खाई थी,

आजादी के सिवा कुछ मंजूर नहीं,

शहीद भगत ने जान गंवाई थी।

खेली खून की होली शहीदों ने,

पहनकर अपना बसंती चोला,

फहराकर तिरंगा लाल किले से,

अंग्रेजों को धूल चटाई थी।

जी रहे हम आजाद वतन में,

कर्ज़ है भारत मां के परवानों का,

ज़ाया नहीं होने देंगे बलिदान ह

आजाद हिंद के रखवालों का।

– रेखा मित्तल, सेक्टर-43, चंडीगढ़

Related posts

जय जगन्नाथ – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

newsadmin

थोड़ा सा उजाला – सविता सिंह

newsadmin

गजल – रीता गुलाटी

newsadmin

Leave a Comment