मनोरंजन

एक वैश्या का कटाक्ष – मुकेश कुमार

मैं तो एक वैश्या हूं, और वैश्या ही कहलाऊंगी,

जिस्म बेचकर ही, खुद को जिन्दा रख पाऊंगी।

 

ईमान खरीदना हो तो, अगले चौक पर जाओ,

पुलिस स्टेशन में, जिसका चाहो खरीद लाओ।

 

अपनी तानाशाही का, यदि विरोध नहीं चाहते,

क्यों न तुम पढ़ लिखकर, जज कोई बन जाते।

 

सजाए नहीं खाना चाहते, बोलकर झूठ हजार,

वकील का पेशा तुम, दिल से कर लो स्वीकार।

 

कोई वैश्या ना बोले, और करना चाहो कुकर्म,

फिल्म हिरोइन बन जाओ, समझो इसको धर्म।

 

लूटमार करो खूब, डाकू भी न चाहो कहलाना,

राजनीति का पेशा तुम, बड़े शौक से अपनाना।

 

मांस मदिरा और स्त्री भोग, कर पाओगे उतना,

खुद को धर्म गुरु, साबित कर पाओगे जितना।

 

बदनाम करके किसी को, न चाहो जेल जाना,

न्यूज चैनल का पत्रकार, खुद को तुम बनाना।

 

हर पापकर्म का यहां, कानूनी पद मिल जाता,

जाने क्यों मेरा भारत, इतना महान कहलाता

– मुकेश कुमार मोदी, बीकानेर,

मोबाइल नम्बर 9460641092

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