मनोरंजन

सूर्योदय – मधु शुक्ला

सबके  मन  भाये  सूर्योदय,  देखें  सब  अविराम,

करें प्रतिज्ञा सज्जन मन में, रवि सम करना काम।

 

शुभ कर्मों की आभा अनुपम, होती है अनमोल,

शीश  झुकाता  है  जग सारा, मीठे  बोले  बोल।

 

सूर्योदय  के  साथ  प्रगट  यह , होता  है  संदेश,

कर्मवीर है, तब ही जग का, सूरज  है  अवधेश।

 

लक्ष्य रहे जिसका जनहित सब, उसको करें प्रणाम,

करें  अनुकरण, करना  सीखें ,  मंगलकारी  काम।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

Related posts

धरती पर देहदान से बड़ा कोई दान नहीं : मिस इंडिया डॉ रागिनी पाण्डेय

newsadmin

तेरे सपने, मेरे सपने – सुनील गुप्ता

newsadmin

गीत – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

Leave a Comment