मनोरंजन

मातृशक्ति – अनुराधा सिंह

माँ तू तो परमात्मा की,

स्वयं एक गवाही है,

मूक भाषा भी  जो समझें

जीवन की वो हमराही है।

आंचल तेरा सुरक्षा कवच,

स्पर्श लगे दवा  हो जैसे,

सीख लगे मंत्र सरीखा

आशीर्वाद लगे वरदान हो जैसे ।

नहीं चुका सकते हम,

तेरी ममता का कर्ज,

बस निभाते जाते हैं,

हम रिश्तों का फर्ज़।

एक दिन को खास बना,

क्या करूं मां की बात,

पूरी जिंदगी ही दे दिया

जिसने हमें सौगात।

आज लगा दूं काला टीका

तेरे चमकते माथे पर,

तेरी उम्र को न लगे,

भगवान की भी नजर।

तू ही नैया, तू ही पतवार

सातों जनम कर दूं वार,

ऐ मां , शत् शत् नमन

तुझे बारंबार-बारंबार।

– अनुराधा सिंह’अनु’,  रांची, झारखंड

Related posts

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

newsadmin

शूरवीर सौदागर सिंह का शौर्य – हरी राम यादव

newsadmin

मिट गये अरमान – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

Leave a Comment