मनोरंजन

रहने दो – राजीव डोगरा

कुछ ख्वाब कुछ यादें

मुझ में रहने दो

न मिल सको तो न मिलो

खुद को मुझ में ही रहने दो।

बीता हुआ वक्त और

बीती हुई बातें

कभी लौट कर नहीं आती,

मगर फिर भी

उन यादों को

मुझ में सिमटे रहने दो।

जो भूल चुका है

उसे भूलाने दो

फिर भी तुम

अतीत में बिखरी हुई

भूली हुई यादों को

मुझ ही में रहने दो।

– राजीव डोगरा

पता-गांव जनयानकड़

कांगड़ा हिमाचल प्रदेश , mobile – 9876777233

Related posts

ग़ज़ल – अनिरुद्ध कुमार

newsadmin

वीरता – निहारिका झा

newsadmin

पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऑनलाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन

newsadmin

Leave a Comment