मैया आयीं आज मेरे द्वार,
माँ आईं देखो आज मेरे द्वार,
कृपा हुई तेरी बारम्बार,
मैं शीश नवाऊँ मेरे द्वार।
आईं शैलपुत्री वृषभ पे सवार,
लेकर त्रिशूल पदम साथ,
आज गौरी मैया तो कल माँ दुर्गा
रोज़ रोज़ देखूँ मैं नए अवतार,
रोज़ रोज़ देखूँ मैं नए अवतार,
सती माता आईं आज द्वार।
कल मिलूँ ब्रह्मचारिणी साथ,
तप का आचरण करतीं मात,
चंद्रमौलि को लेकर साथ,
रोज़ाना देखूँ नए-नए अवतार……2
देखो माता अपर्णा मेरे द्वार।
देखा माई चन्द्रघण्टा मेरे द्वार,
शशि माथे, सिंह पर होके सवार,
करती सारे कष्टों का संहार,
रोज़ाना देखूँ नए-नए अवतार……2
देखो माता कल्याणी मेरे द्वार।
कात्यायनी माँ आयीं मेरे द्वार,
माता भास्वर हो सिंह पर सवार,
षष्ठी अवतार मिटाए सारे पाप,
दूर हों सब रोग शोक संताप,
रोज़ाना देखूँ माँ के नए अवतार….. 2
आयीं जग कल्याणी मेरे द्वार।
आयीं आयीं नवदुर्गा मेरे द्वार।
माँ कालरात्रि आयीं मेरे द्वार,
होकर गर्दभ पर शान से सवार,
त्रि-नेत्री आयीं मिटाने को भय,
देतीं सदा ही वरदान अभय,
जय महाकाली की जय जयकार,
रोज़ाना देखूँ नए नए अवतार, ……2
मैया भद्रकाली आयीं मेरे द्वार।
आयीं अब महागौरी मेरे द्वार,
हैं चंद्र, कुंद, शंख-सी मेरी माँ,
डमरू बजाती आयीं मेरी माँ,
श्वेतांबरधरा आयीं मेरे द्वार,
आयीं अन्नपूर्णा करने भोज,
नए नए अवतार देखूँ रोज़,
आज आयीं वृषारूढ़ा द्वार।
देखो सिद्धिदात्री मेरे द्वार,
गदा, चक्र, पद्म लेकर साथ,
नौ रात्रि सम्पन्न हुई आज,
नंदा पर्बत से आयीं मेरी माँ,
रोज़ाना देखूँ नए अवतार……2
देखो देखो नौ दुर्गा मेरे द्वार।
मैया आयीं आज मेरे द्वार,
माँ आईं देखो आज मेरे द्वार,
कृपा हुई तेरी बारम्बार,
मैं शीश नवाऊँ बारंबार।
– नीना अमित झा संजोगिनी, दिल्ली