मेरठ के खरखौदा में पकड़े गए पीएफआइ के चारों सदस्यों के मंसूबे बड़े ही खतरनाक थे। आरोपित गजवा-ए-हिंद के जरिए देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रच रहे थे। एटीएस ने उनके कब्जे से गजवा-ए-हिंद का साहित्य बरामद किया है। जांच में सामने आया कि यह साजिश पिछले तीन साल से वेस्ट यूपी में रची जा रही थी।
सीएए को लेकर हुई हिंसा भड़काने में भी मेरठ, मुजफ्फरनगर और शामली से आरोपितों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। चारों के खिलाफ तब भी संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे। तभी से उनकी गतिविधियों पर खुफिया एजेंसी नजर गड़ाए हुए थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौदह फरवरी को एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था कि गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत साकार नहीं होगा।
उसके बाद भी पीएफआइ के सदस्य मुस्लिम लोगों में गजवा-ए-हिंद साहित्य बांट रहे है। गजवा-ए-हिंद साहित्य के अलावा उनके कब्जे से एक पैन ड्राइव भी बरामद की गई है, जिसमें धार्मिक भावना भड़काने के कुछ दस्तावेज भी मिले है। साथ ही पीएफआइ सदस्यों की कुछ जानकारी भी मिली है। साथ ही मुस्लिम युवाओं को कुछ डेटा भी बनाया हुआ है। एटीएस की टीम पैन ड्राइव पर काम कर रही है।