तू ही तू जहां मे है,
हर सांस मे धड़कन मे तू,
तेरी ही काया तेरी ही माया,
तूने ही दी है ममता की छाया।
अपनी ही जन्नत मे,
तूने सबको है बनाया,
सूरज की किरणों मे तू,
समंदर की लहरों मे तू।
जहाँ जहाँ मैं देखूं,
बस तू ही तू है,
देवता तू बुद्धि का,
रिद्धि सिद्धि का दाता।
चराचर मे तेरा ही,
तू ही तू सभी मे है समाता,
सबसे प्यारा है तू जो,
दु:खों कष्टों का हरता।
मनोकामनाओं को,
तू पूरी कर देता,
तेरे चरणों मे मेरा तन-मन
समर्पित हो जाता।
गणपति बप्पा तू,
पूरी दुनिया मे सबके,
दिल मे एक तू ही तू
सुकूंन है दिलाता ।
– जया भरादे बदोदकर
नवी मुंबई, महाराष्ट्र