नजर तुम हमी से चुराओ कभी।
हमे भी वो दुनिया दिखाओ कभी।
मिले प्यार हमको सनम आपका
सुनो बात दिल की सुनाओ कभी।
न नखरे कभी तुम दिखाओ हमे
करो बात दिल की बताओ कभी।
करे हम वफा आज किस पर अजी
भरोसा वफा का जताओ कभी।
सहा है बड़ा दर्द *ऋतु प्यार में
हमें दर्द से तुम बचाओ कभी।
– ऋतु गुलाटी, ऋतंभरा, चंडीगढ़