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मेरी मातृभाषा हिन्दी है – गुरुदीन वर्मा

मेरी मातृभाषा हिन्दी है, यही गीत सबको सुनाता हूँ।

राष्ट्रभाषा हिन्दी है देश की,यही सबको मैं समझाता हूँ।।

जय बोलो तुम हिन्दी की/गावो गाथा तुम हिन्दी की//

मेरी मातृभाषा हिन्दी है———————।।

हिन्दी बोलने में हम, क्यों करते हैं इस तरहां शर्म।

पहचान हमारी हिन्दी है, इसके लिए हो अपने कर्म।।

हिन्दी को करें आबाद सदा, यही ज्ञान सबको देता हूँ।

राष्ट्रभाषा हिन्दी है देश की, यही सबको मैं समझाता हूँ।।

जय बोलो तुम हिन्दी की/गावो गाथा तुम हिन्दी की//

मेरी मातृभाषा हिन्दी है———————।।

सब भाषाओं का आदर,करती है हमारी यह हिन्दी।

सभी जाति-धर्मों को सम्मान, देती है हमारी यह हिन्दी।।

देती है सभी को ममता-शरण, इसको मैं माता कहता हूँ।

राष्ट्रभाषा हिन्दी है देश की, यही सबको मैं समझाता हूँ।।

जय बोलो तुम हिन्दी की/गावो गाथा तुम हिन्दी की//

मेरी मातृभाषा हिन्दी है———————–।।

जानो हिन्दी के गौरव को,स्वाभिमान इसको अपना कहो।

इसकी ही छत्रछाया में,अपने को तुम आबाद कहो।।

यह जान है अपने देश की,सबको यह शपथ दिलाता हूँ।

राष्ट्रभाषा हिन्दी है देश की, यही सबको मैं समझाता हूँ।।

जय बोलो तुम हिन्दी की/गावो गाथा तुम हिन्दी की//

मेरी मातृभाषा हिन्दी है————————।।

– गुरुदीन वर्मा आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

मोबाईल नम्बर- 9571070847

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