हिन्दी भाषा का गौरव बनाए रखना,
देश के माथे की ये बिंदी सजाए रखना।
यह है हिन्दोस्तानियों की राष्ट्र-भाषा,
इसे राष्ट्र की भाषा बनाए रखना।
आने वाली पीढ़ी सीखे-समझे इसको,
ख़त्म न होने देना,देखो बचाए रखना।
मातृ-भाषा,अन्तर्राष्ट्रीय भाषा भी है ज़रूरी,
समय के साथ इनका भी ज्ञान बढ़ाए चलना।
पर,सच है,हिन्दी है देश की शान,
शान इसकी तुम सदा चमकाए रखना।
उत्तम साहित्य रचा है इसमें हमारा,
साहित्यकारों का मान बचाए रखना।
कोशिश करके लिख कर कुछ अच्छा,
साहित्य को इसके समृद्ध बनाए रखना।
भारतवासी होने के नाते ये फर्ज़ तुम्हारा,
देश के बेटे बनके फर्ज़ ये निभाए चलना।
हिन्दी भाषा का गौरव बनाए रखना,
देश के माथे की ये बिंदी सजाए रखना।
– हरप्रीत कौर (हिन्दी मिस्ट्रैॅस)
नौशहरा नाल बंदा
ज़िला पठानकोट, पंजाब