मनोरंजन

नादान जीवन – राजीव डोगरा

कुछ नादानियां

कुछ अठखेलियां

बाकी है मुझ में ।

 

क्षण-क्षण घूमती

मृत्यु के बीच में

जीवांत जीवन

बाकी है मुझ में।

 

झूठ के चलते बवंडर में

सत्य का

जलता  हुआ दीपक

बाकी है मुझ में।

 

जीवन मृत्यु के बोध में

हे! ईश्वर तेरा ध्यान

बाकी है मुझ में।

– राजीव डोगरा

पता-गांव जनयानकड़

कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

rajivdogra1@gmail.com

Related posts

चंदा की चांदनी में – सविता सिंह

newsadmin

मैंने जब गीत सुने – यशोदा नैलवाल

newsadmin

गजल – रीता गुलाटी

newsadmin

Leave a Comment