उत्तराखण्ड

कवि संगम महिला इकाई ने स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ पर किया काव्य पाठ

neerajtimes.com देहरादून – राष्ट्रीय कवि संगम महिला इकाई महानगर देहरादून ने स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ को 15 अगस्त 2022 को, तिलक रोड देहरादून स्थित ‘प्ले पैन’ स्कूल में बहुत ही धूमधाम से मनाया। अमृत महोत्सव के इस पावन अवसर पर राष्ट्रीय कविसंगम महिला इकाई की यह मासिक गोष्ठी अविस्मरणीय हो गई।

गोष्ठी वरिष्ठ कवि श्री कृष्ण दत्त शर्मा जी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कविसंगम के क्षेत्रीय महामंत्री श्रीकांत  रहे। विशिष्ट अतिथि जसवीर सिंह हलधर , शिव मोहन सिंह, अजय मोहन सिंह ,राकेश जैन  रहे। गोष्ठी का आयोजन महिला इकाई महानगर देहरादून की अध्यक्ष श्रीमती इंदु अग्रवाल एवं राष्ट्रीय कवि संगम के गढ़वाल अध्यक्ष  अनिल अग्रवाल  के द्वारा किया गया। संचालन राष्ट्रीय कविसंगम की गढ़वाल महामंत्री मणि अग्रवाल ‘मणिका’ ने किया।

गोष्ठी में श्रीमती इंदु अग्रवाल , अनिल अग्रवाल , श्रीकांत ‘श्री’ जी, श्रीमती महिमा ‘श्री’, जसवीर सिंह हलधर , शिव मोहन सिंह , अजय मोहन सिंह, राकेश जैन ,  पवन शर्मा,श्रीमती क्षमा कौशिक, श्रीमती कविता बिष्ट, श्रीमती झरना माथुर, श्रीमती नीरू गुप्ता मोहिनी, श्रीमती सुहेल अहमद, श्रीमती मणि अग्रवाल मणिका , श्री धर्मेंद्र उनियाल धर्मी, श्रीमती विजय, वंदिता, श्रीमती संगीता जोशी कुकरेती, नवीन बहुगुणा एवं प्ले पैन स्कूल के समस्त शिक्षक एवं बच्चे उपस्थित रहे।

आयोजन का शुभारंभ बच्चों के द्वारा बहुत ही सुंदर माँ शारदा की वंदना से हुआ। इसके पश्चात नन्हे-मुन्ने बच्चों के द्वारा बहुत ही मनमोहक देशभक्ति से परिपूर्ण रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। तत्पश्चात क्षेत्रीय महामंत्री श्रीकांत श्री जी, द्वारा महिला इकाई के शानदार प्रदर्शन पर, महानगर अध्यक्ष डॉ. इंदुअग्रवाल, महानगर महामंत्री कविता बिष्ट “नेह” एवं गढ़वाल महामंत्री मणि अग्रवाल “मणिका” को पुष्प गुच्छ भेंट करके सम्मानित किया गया ।

इसके बाद नवीन बहुगुणा की ओजपूर्ण रचना “बढ़े चलो बढ़े चलो धरा चमक रहे रक्त जो बहता रहा” के द्वारा वीरों को नमन करते हुए प्रथम  स्वरचित काव्यत्मक श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संगीता जोशी ने देशभक्ति से परिपूर्ण रचना “आ वतन के नाम कर ले देश हित कुछ काम कर ले” का सुंदर वाचन किया। धर्मेंद्र उनियाल धर्मी के खूबसूरत अशआर ” यहाँ आँख से बहते अश्को की गवाही कौन देगा, सब दर्द लिखने लगेंगे तो स्याही कौन देगा” ने तो समा बाँध दिया। शिव मोहन ने अद्भुत गीत “आज़ादी का अमृत उत्सव एक महा उत्सव बन जाय” सुना कर गोष्ठी में चार चांद लगा दिए।

ओजस्वी कवि श्रीकांत श्री जी की रचना “मैं कर रहा हूँ देश के इतिहास को नमन,माँ भारती के लाडले के सुभाष को नमन” ने सभी को तालियाँ बजाने पर मजबूर कर दिया। महिमा श्री के सृजन “हम वीर सपूत है भारत के न पीछे कदम हटाएँगे,आँच न आने देंगे हम माता तेरे आँचल पर” की भी सभी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। वरिष्ठ कवि आदरणीय के.डी. शर्मा की रचना “तिरंगा घर घर पर फहराओ,वीर सेनानी इसे न झुकने देता” ने नावांकुरों में खूब जोश भरा। बहुत ही सौम्य व्यक्तित्व के कवि आदरणीय पवन शर्मा के माहिया “यह देश निराला है। जिसने मुश्किल में, संसार सँभाला है।” पर उपस्थित सभी लोग झूम उठे। डॉ सुहेला अहमद  ने बड़े दिलकश अंदाज में “ए वतन् वतन मेरे वतन गीत तेरे इश्क़ के हम गाएंगे” ग़ज़ल सुना कर वाह-वाही बटोरी। जसवीर सिंह हलधर ने जब अपनी सशक्त वाणी में ” धरा का मान बढ़ता है, गगन की शान बढ़ती है, तिरंगे में लिपटकर मौत भी परवान चढ़ती है” रचना पढ़ी सभी की रगो के लहू में एक अजब सी रवानी छा गई। राकेश जैन ने अपने निराले अंदाज़ में अपनी रचना “जेलर ने नया ढंग अपनाया, मुझे जेल बुलवाया और कविता पाठ करवाया” सुनाकर गोष्ठी की शोभा बढ़ाई। विजय श्री वंदिता ने सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बहुत ही खूबसूरत गीत “जब सुने ना कोई तेरी आवाज को तू अकेला ही चल लेकर हर साज को” सुना कर सभी को आनंदित किया, कविता बिष्ट “नेह” ने अपनी खूबसूरत ग़ज़ल “मर मिटेंगे हम वतन पर गुल खिलाने के लिए, साँस भी गिरवी रखेंगे ध्वज उठाने के लिए” सुना कर सभी का मन जीत लिया। झरना माथुर की ग़ज़ल ” हिंदुस्तान को भी एक नया हिंदुस्तान चाहिए” को भी सभी ने खूब सराहा। क्षमा कौशिक का गीत “….मातृ भूमि के दीवाने हम बांध कफन सिर पर चलते हैं” सभी के दिलों में बस गया। मणि अग्रवाल मणिका के गीत *बुंदेलखंड की धरती पर जन्मी कन्या वह दीवानी” ने वीरांगना झलकारी बाई के उस बलिदान को सम्मानित किया जिसे इतिहास में उचित सम्मान न मिल सका। देशभक्ति से परिपूर्ण एक से बढ़कर एक अप्रतिम रचनाओं का आनंद पूरे माहौल में बिखेरते हुए इस गोष्ठी में डॉ. इंदु अग्रवाल के उद्बोधन के साथ गोष्ठी ने पूर्णता प्राप्त की। इंदु अग्रवाल ने सभी वरिष्ठ और नवांकुर कवियों का खूब उत्साहवर्धन किया साथ ही सभी को सम्मान के शब्द- पुष्प भेंट किये। स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ पर आयोजित महिला इकाई महानगर देहरादून की यह काव्य गोष्ठी सभी को अविस्मरणीय स्मृतियाँ दे गई।

– मणि अग्रवाल ‘मणिका’ गढ़वाल महामंत्री राष्ट्रीय कवि संगम, देहरादून (उत्तराखंड)

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