मनोरंजन

शब्द – जया भराड़े बड़ोदकर

ये वो है जो कभी,

डुबो देते है दुःख में,

तो कभी सुख में। .

कभी प्राण है ये,

तो कभी है जी के शूल.

प्यार के समुंदर मे,

तो कभी बने शैतान।

शब्द ही मेरे लिए

सारे एक का संसार

जीत भी इसी मे है

हार का श्रेय भी।

नियंत्रण इसे करो,

रहस्य है इसमें कई,

शब्द से बने जीवन,

तो कभी यही बने मरण।

दुनिया सारी इस पर टिकी,

यही है राम यही है रावण,

ढले महाभारत और गीता,

बने बाइबल और कुरान,

सभी मे यही शब्द  महान।

शब्द ही दिलाये

मन विचार और

आत्मा की पहचांन

– जया भराडे बडॉदकर, मुंबई, महाराष्ट्र

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