ये भारत देश त्योहारों का एक देश है,
जिसमे रक्षा- बंधन पर्व भी उनमें से एक है।
ये भाई- बहन के बीच के प्रेम का पर्व है,
आज का नही हजारों साल पुराना पर्व है।
जब राजपूत और मुसलिमो मे जंग छिड़ी थी,
तब कर्णवती ने हुमायूँ को राखी भेजी थी।
जब अलेक्जेंडर राज पुरु से बिचलित हुआ,
तब उसकी पत्नी को राखी अर्थ प्राप्त हुआ।
जब कृष्ण भगवान ने शिशुपाल को मारा था,
तब द्रोपदी ने अँगूठे में कपड़ा बांधा था।
आज इंसांजागो इस पर्यावरण को बचा लो,
हरेक पेड़ को रक्षा सूत्र बाँधकर बचा लो।
– झरना माथुर, देहरादून , उत्तराखंड