मनोरंजन

अक्सर – राजीव डोगरा

इश्क़ की रातें

और इश्क़ की बातें

अक्सर महँगी पड़ती है।

 

ज्यादा समझदारी और

लगी हुई इश्क़ बीमारी

अक्सर महँगी पड़ती है।

 

गैरों के साथ यारी और

अपनों के साथ गद्दारी

अक्सर महंगी पड़ती है।

 

जरूरत से ज्यादा समझदारी

और गैरों से वफादारी

अक्सर महंगी पड़ती है।

– राजीव डोगरा

पता-गांव जनयानकड़

कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश

rajivdogra1@gmail.com

Related posts

पंछी बनूँ उड़ती फिरूँ मस्त गगन में – सविता सिंह

newsadmin

चर्चा हुई, कविता कैसे लिखी जाती है? – रेखा मित्तल

newsadmin

गीत (उपमान छंद) – मधु शुक्ला

newsadmin

Leave a Comment