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कविता (खिसियानी बिल्ली) – जसवीर सिंह हलधर

खिसियानी खंभे को नौंचे, कौतुक देखो बिल्ली का ।

रूप बदलता नहीं सुहाया,उसको मेरी दिल्ली का ।।

 

जनहित के मुददे से हटकर ,अपना रस्ता मिड रही ।

राम लला के मंदिर पर भी ,बिल्ली नाक सिकोड़ रही ।

चुपके से जिंगपिंग के घर भी, बिल्ली जाय घुसी यारो ।

सर्जिकल स्ट्राइक पर भी, बिल्ली नहीं खुशी यारो ।

जन कल्याण दिशा में हमने ,जो भी कदम उठाए हैं ।

बेशक अच्छे योजन हैं पर, बिल्ली को कब भाए हैं ।

बिल्ली को सरकारी निर्णय रास नहीं आ पाए हैं ।

अब तक संसाधन बिल्ली ने,चूहे मान चबाए हैं ।

बर्फ गलाकर पूछ रही है,दाम बताओ सिल्ली का ।।

खिसियानी खंभे को नौंचे ,कौतुक देखो बिल्ली का ।।1

 

दफा तीन सौ सत्तर पर भी, बिल्ली है नाराज़ बहुत ।

दुनिया में उपचार कराया ,तबियत है नासाज बहुत ।

सी ए ए कानून बना तो ,खूब किया हंगामा जी ।

सारी दुनिया के मुल्ले ज्यों, लगते इसके मामा जी ।

एक देश में एक टैक्स भी ,इसको रास नहीं आया ।

संसद में हंगामा काटा ,रोज रायता फैलाया ।

जिन चूहों के लिए लड़ी वो,चूहे पास नहीं आए ।

कड़े फैसले बड़े फैसले ,इसको खास नहीं भाए ।

खाल खसोटी है भारत की ,नाम न छोड़ा झिल्ली का ।।

खिसियानी खंभे को नौंचे, कौतुक देखो बिल्ली का ।।2

 

अग्नि वीर सा नेक प्रयोजन ,इसको नहीं सुहाया है ।

खूब किया गुमराह देश को ,भारत रोज जलाया है ।

इतना सुंदर योजन भी ,बिल्ली को तनिक नहीं भाया ।

रेल ,बसों को आग जलाकर ,मुद्दा इसने गरमाया ।

चार साल की सेवा में,निर्माण छिपा है भारत का ।

शिष्ट नागरिकता में ही,कल्याण छिपा है भारत का ।

ऐसे सुघड़ प्रयोजन पर भी, बिल्ली ने उन्माद किया ।

भोले लोगों को भड़काया, संंपति को बर्बाद किया ।

आग जलाने को फिरती ले, डब्बा माचिस तिल्ली का ।।

खिसियानी खंभे को नौंचे ,कौतुक देखो बिल्ली का ।।3

 

हिंदू मुस्लिम के मुद्दे को, गरमाने में लगी हुई ।

पत्थरबाजों की टोली को ,फुसलाने में लगी हुई ।

संसद की नवमूरत इसको , ठीक नहीं लगती यारो ।

शेरों की सूरत भी ठीक नहीं लगती यारो ।

वीर शहीदों की यादों का , भवन नहीं भाया इसको ।

अमर जवान ज्योति का ,उसमें मिलन नहीं भाया इसको ।

सौ सौ चूहे खाकर ये , हज करने को तैयार खड़ी ।

बेटे की चिंता में अब बिल्ली बीमार पड़ी ।

खेल भाजपा खेल रही है ,चक दे फट्टे किल्ली का ।।

खिसियानी खंभे को नौंचे ,कौतुक देखो बिल्ली का ।।4

– जसवीर सिंह हलधर, देहरादून

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