उत्तराखण्ड

21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Neerajtimes.comनई दिल्ली मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग करते हुए कहा कि राज्य सरकार आदरणीय प्रधानमंत्री जी के सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा और इस सपने को साकार करने हेतु राज्य सरकार “विकल्प रहित संकल्प” का मंत्र लेकर निरन्तर कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड @2025 एवं @2030 का दृष्टिपत्र तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि इस विजन प्लान के अन्तर्गत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत वृद्धि दर के माध्यम से आगामी 05 वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय को विगत वर्ष के बजट के सापेक्ष 13 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया गया है। इस वृद्धि के परिणाम स्वरूप राज्य ने भारत सरकार द्वारा अपेक्षित पूंजीगत व्यय के सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। राज्य की आर्थिक गति को शक्ति देने हेतु आगामी 05 वर्षों में बाह्य सहायता के माध्यम से लगभग ₹25000 करोड़ की आधारभूत संरचनाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि विभागों के मध्य बेहतर सामंजस्य सुनिश्चित करने एवं पूंजीगत परियोजनाओं के सटीक नियोजन हेतु “पीएम गति शक्ति योजना” की तर्ज पर राज्य गति शक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। अगले 6 माह में इस महत्वाकांक्षी योजना को पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने बताया कि थ्रस्ट सेक्टर्स जैसे (पर्यटन, परिवहन, सेवा क्षेत्र, कृषि एवं उद्यान, फार्मा) आदि के माध्यम से विजन प्लान के महत्वाकांक्षी आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण के लिए सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से उद्योगों को विभिन्न विभागों की अनुमतियां तेज गति से दी जा रही है। भारत सरकार द्वारा राज्य को इज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग में एचीवर्स की श्रेणी में चयनित किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में रोजगार उन्मुखी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री नैनो योजना के माध्यम से अब तक ₹600 करोड़ से अधिक का निजी निवेश आकर्षित कर एक लाख से अधिक नवीन रोजगार के अवसर सृजित किये गये हैं। एक जिला-एक उत्पाद, महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, स्टार्ट-अप पॉलिसी जैसी योजनाओं के सृजन एवं कुशल प्रबन्धन से उत्तराखण्ड राज्य देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित है। देश के कुल स्टार्टअप का 10% भाग यहां स्थित है।मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड ने विगत वर्ष निर्यात पर फोकस कर लगभग ₹17000 करोड़ का निर्यात किया है जिसमें फार्मा सेक्टर का विशेष योगदान है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूरोप को उत्तराखण्ड के परम्परागत खाद्यान्न जैसे मडुवा, झिंगोरा का निर्यात किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से अमृत सरोवर योजना के द्वारा जलप्रबन्धन एवं मत्स्य उत्पादन में राज्य निरन्तर प्रगति कर रहा है। प्रदेश के 13 जनपदों में 1240 अमृत सरोवर बनाने का निश्चय किया गया है। जिनमें से 939 अमृत सरोवरों में कार्य प्रारम्भ हो गया है।
रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर और ग्रोथ सेंटरों के माध्यम से 106 काॅमन फेसिलिटी सेंटर स्थापित किए जाएंगे। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता बढ़ाकर लगभग तीस हजार से अधिक किसानों एवं शिल्पकारों (श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ शिल्प केन्द्र) की आय में वृद्धि की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा के बाद उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां समान नागरिक संहिता को लागू करने के उद्देश्य हेतु तीव्र गति से कार्य किया है। इस विषय पर राज्य सरकार द्वारा 27 मई 2022 को पांच सदस्यों की कमेटी का गठन किया जा चुका है। कमेटी अभी तक दो बैठकें कर चुकी हैं।

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