मनोरंजन

मेरा देश महान है – कौशल कुमार सिंह

फैल रहा नफरत का कारोबार,

लोग हो रहे लहूलुहान हैं,

टूट रही लोगों की सांसे,

फिर भी मेरा देश महान है।

 

चलते रहते  तीर बातों के,

रोज मच रहा घमासान है,

आशाएं भी मर रहीं लोगों के,

फिर भी मेरा देश महान है।

 

संवेदनहीनता  बढ़ती जा रही,

लोग हो रहे परेशान हैं,

गमगीन होते जा रहे लोग,

फिर भी मेरा देश महान है।

 

बिगड़ रहा आंतरिक सदभाव,

मानवता का हो रहा अभाव,

रह न गया अब लोगों में मेल,

सत्ता का यह सारा खेल।

 

नफरतों की तलवार को,

अफवाहों के बाजार को,

करना होगा ध्वस्त,

तब देश बनेगा स्वस्थ।

 

सहनशील अब बनना होगा,

करना होगा एक दूसरे का सम्मान,

असल मायने में तब कहे कौशल,

होगा मेरा भारत देश महान।

–  कौशल कुमार सिंह

पता: ए.पी.एस.  शंभुगंज , बांका, बिहार

Related posts

गीत- युद्ध की आशंका – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

मेरी हँसी से मेरी मुलाकात – झरना माथुर

newsadmin

ग़ज़ल – विनोद निराश

newsadmin

Leave a Comment