मनोरंजन

गजल – रीतू गुलाटी

नाम तेरा सभी लब पे लाते रहे।

दर्द अपना हमें वो बताते रहे।।

 

तड़फती नजर जो देख ली दर्द की।

आँख से देखकर वो लजाते रहे।।

 

गरीबो को भी हक है उँचा वो उठे।

काश सपने सभी यूँ ही सजाते रहे।।

 

दूर होकर भी आँख में तुम छा गयी।

माँग  में  हम  सितारें  लुटाते रहे।।

 

तन्हाई मे कभी वक्त कटता नही।

कर्म अच्छे करो*ऋतु बताते रहे।।

– रीतूगलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़

Related posts

पंजाबी साहित्य में डॉ.अमरजीत कौंके एक विलक्षण प्रतिभा – जसप्रीत कौर

newsadmin

धरती – ममता जोशी

newsadmin

प्रणय गीत – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

Leave a Comment