उत्तराखण्ड

भाजपा अब मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन में जुटी, दौड़ में पुष्‍कर सिंह धामी आगे

विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा अब मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन में जुट गई है। इस सिलसिले में विधायकों का मन टटोलने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। माना जा रहा है कि चुनाव हारने के बावजूद कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फिर से पार्टी अवसर दे सकती है।

भाजपा ने चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल किया

छह महीने के छोटे से कार्यकाल में उनके योगदान को इसका आधार बनाया जा सकता है। चर्चा है कि पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में एक-दो दिन में होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी को ही कमान सौंपे जाने मांग रखी जा सकती है। उधर, मुख्यमंत्री धामी शनिवार या रविवार को दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। यद्यपि, अभी मुलाकात का कार्यक्रम निर्धारित नहीं हुआ है।

भाजपा ने चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, लेकिन चुनाव में पार्टी का चेहरा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए। ऐसे में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह प्रश्न राजनीतिक गलियारों में तैर रहा है। साथ ही भाजपा भी मुख्यमंत्री के नाम पर विचार करने में जुट गई है। चर्चा है कि चुनाव हारने के बावजूद धामी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पिछली सरकार में उन्हें कार्य करने को केवल छह माह का ही समय मिल पाया। इस दौरान वह निर्विवादित रहे। साथ ही सरकार और पार्टी की छवि को बेहतर करने की कोशिश में वह सफल रहे। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी इसका संज्ञान लिया

विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में भी धामी की भूमिका महत्वपूर्ण रही। साथ ही उन्होंने पार्टी में नई ऊर्जा का संचार किया। धामी को यदि फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो इसे लेकर अचरज भी नहीं होगा। पूर्व में अरुण जेटली और स्मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद भाजपा ने उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया था। हाल में बंगाल के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने भी यही फार्मूला अपनाया था। ममता बनर्जी के चुनाव हारने के बाद भी टीएमसी ने बनर्जी को ही मुख्यमंत्री बनाया।

धामी के लिए सीट छोड़ने की पेशकश

धामी को मुख्यमंत्री बनाने की स्थिति में उनके लिए सीट खाली करने की पेशकश भी होने लगी है। बीते दिवस चम्पावत से चुनाव जीते विधायक कैलाश गहतौड़ी ने सबसे पहले यह पेशकश की थी। अब जागेश्वर से चुनाव जीते भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह मेहरा और खानपुर से निर्दलीय चुनाव जीते उमेश जे कुमार ने भी इसी तरह की पेशकश की है।

मोदी-शाह भी करते रहे हैं सराहना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कई अवसरों पर मुख्यमंत्री धामी की सराहना कर चुके हैं। चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे कई मौके आए, जब प्रधानमंत्री समेत केंद्रीय नेताओं ने धामी की पीठ थपथपाई।

इनके नाम की भी चर्चा

मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट के नाम भी चर्चा में है। माना जा रहा कि अनुभव को तरजीह देने की स्थिति में पार्टी नेतृत्व इनके नाम पर विचार कर सकता है। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री रहे सतपाल महाराज, डा धन सिंह रावत के नाम भी चर्चा में चल रहे हैं।

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