हौसला हमको बढ़ाना चाहिए।
देश हित सबको बुलाना चाहिए।
बस झुके ना सर कभी अब देश का,
दुशमनों से बस बचाना चाहिए।
सामने जब हो हमारे वीर तो,
शीश अपना बस झुकाना चाहिए।
आज संकट मे पड़ा जब देश है,
देश के अब काम आना चाहिए।
कर रहे हैं हरकतें वो अब गलत,
बाप उनके हैं बताना चाहिए।
भूल जा तू आज सारी मस्तियाँ,
यार अब सरहद पे जाना चाहिए।
प्यार से ऋतु जिंदगी खुशहाल है,
बात सबको अब बताना चाहिए।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा,चंडीगढ़