( 1 ) जय हिंद, जय-जय हिंद
भारतीय सिंदूर की जय जय !
दुश्मन भागा, डर समाया..,
दुम दबाए, छिपा है मारे भय !!
( 2 ) है भाल की चमक ये सिंदूर
कहाँ जाएगा,भाग के दुश्मन दूर !
दिखलाई ताकत हिंद सेना ने…,
किया आतंकी फन को चकनाचूर !!
( 3 ) क्या समझा था, सिंदूर को तूने
सभी हदें पार कर दी रे नापाक !
ले जा शरण में अपने आकाओं के..,
अब होगा तेरा पूरा काम तमाम !!
( 4 ) लाल रंग सिंदूरी पोंछ माथे से
अपने ऊपर स्वयं ही प्रहार किया !
अब जा देखता प्रतिपल प्रतिकार..,
तूने ख़ुद वजूद का ही शिकार किया !!
( 5 ) है ये भारत माता का सिंदूर
बन कफ़न, जहन्नुम में पहुँचाएगा !
देख लिया सदियों से तुझे हमने..,
दोज़ख की नींद सुला चैन पाएगा !!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान