प्रचंड प्रहार
कर चला सिंदूर,
घमंड हुआ चकनाचूर..,
भाग रहा कहाँ मुनीर !!1!!
धीर प्रचुर
धर चले वीर,
उकसा मत कायर..,
खदेड़ देंगें तुझे दूर !!2!!
अचूक तीर
है सुदर्शनचक्र वार,
चले भेदता भीतर…,
कहाँ सह पाएगा सियार !!3!!
भारतीय शेर
कर देंगे ढेर,
गीदड़ धमकी वार…,
मारना छोड़दे, बार-बार !!4!!
बहाए अश्रुनीर
भाग रे मुनीर,
तेरी ताबूत तैयार…,
निश्चित है अंतिम संस्कार !!5!!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान