क्राइम

भारतीय संस्कृति पर हमला हैं लव जिहाद के बढ़ते मामले – संदीप सृजन

 

neerajtimes.com – मध्यप्रदेश आजकल लव जिहाद के मामलों के कारण चर्चा में है। राजधानी भोपाल, उज्जैन, सागर, मुरैना, खरगोन, कटनी, और नीमच जैसे जिलों में बीते कुछ दिनों में सामने आए लव जिहाद के मामलों ने सामाजिक तनाव को बढ़ाया है। देखा जाए तो यह भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर सुनियोजित हमला और सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने का प्रयास हैं। मध्य प्रदेश में लव जिहाद के मामलों में एक समान पैटर्न देखा गया है। आरोपियों द्वारा हिंदू नामों का उपयोग, सोशल मीडिया या व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से दोस्ती, शादी का झांसा, शारीरिक शोषण, और ब्लैकमेलिंग की गई है। कई मामलों में, पीड़िताओं पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला गया, जैसे बुरका पहनना या नमाज पढ़ना। भोपाल और उज्जैन जिले के गॉंव बिछड़ौद जैसे मामलों में यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा प्रतीत होता है। जिसमें फंडिंग, डाटा संग्रह, और वीडियो निर्माण की रणनीति शामिल है।

लव जिहाद केवल अपराध नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति को कमजोर करने और सामुदायिक संतुलन को बिगाड़ने की साजिश हैं। भारतीय संस्कृति पर सुनियोजित हमला हैं। लव जिहाद के मामलों का उद्देश्य केवल हिंदू महिलाओं को निशाना बनाकर उनके पारिवारिक और धार्मिक मूल्यों को नष्ट करना है। भारतीय संस्कृति में नारी को सम्मान और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है,इन मामलों में नारी के सम्मान और पवित्रता को खंडित करने एवं हिंदू परिवारों की एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा, ऐसी घटनाएं हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव को बढ़ाकर सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने का काम करती हैं। कुछ मामलों में हिंसक प्रदर्शनों और सामुदायिक तनाव ने इस खतरे को और स्पष्ट किया।

हाल ही में भोपाल के एक संगठित गिरोह ने कॉलेज की हिंदू छात्राओं को निशाना बनाया। मुख्य आरोपी और उसके सहयोगियों ने रेस्तरां और डांस अकादमी का उपयोग लड़कियों को फंसाने के लिए किया। उन्होंने दुष्कर्म, वीडियो निर्माण, और ब्लैकमेलिंग की, साथ ही पीड़िताओं पर बुरका पहनने और नमाज पढ़ने का दबाव डाला। इसी तरह उज्जैन के बिछड़ौद गांव में गत दिनों एक वायरल अश्लील वीडियो ने लव जिहाद का मामला उजागर किया। सात आरोपियों ने हिंदू लड़कियों के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया। पता चलने पर ग्रामीणों ने आरोपियों के घरों में आग लगा दी, जिससे तनाव फैल गया। पुलिस ने सातों को हिरासत में लिया। गांव में आरोपियों का जुलूस निकाला गया। हिंदू जागरण मंच ने इसे लव जिहाद का अड्डा करार दिया, और इसे हिंदू संस्कृति पर हमला बताया।

सागर में एक हिंदू लड़की को शादी के दो दिन पहले एक मुस्लिम युवक भगा कर ले गया। उसने सोशल मीडिया के जरिए हिंदू नाम से लड़की से दोस्ती की थी। पुलिस ने पोक्सो एक्ट और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया, और आरोपी को गिरफ्तार किया। उसके मोबाइल से आपत्तिजनक सामग्री मिली। इसी तरह मुरैना में एक कोचिंग सेंटर संचालक ने हिंदू नाम से हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया। उसने कोचिंग में पढ़ाने के बहाने शोषण किया और अपनी पहचान छिपाई। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। इस घटना ने कोचिंग सेंटरों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, और हिंदू संगठनों ने इसे हिंदू परिवारों को तोड़ने का प्रयास माना।

खरगोन में एक आदिवासी हिंदू लड़की को हिंदू नाम से ब्लैकमेल किया गया और धर्म परिवर्तन का दबाव डाला। पीड़िता ने शिकायत की, और पुलिस ने आरोपी व उसकी सहेली के खिलाफ बलात्कार और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। इससे आदिवासी समुदाय में आक्रोश फैल गया। कटनी में इंस्टाग्राम पर हिंदू महिला से दोस्ती की और शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाए। उसने महिला को छोड़ दिया, और पुलिस ने बलात्कार व धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। इस मामले ने सोशल मीडिया के खतरों को उजागर किया। इस तरह के केस मध्यप्रदेश के अन्य स्थानों पर भी उजागर हुए है। जिनमें स्कूल, कॉलेज की छात्राओं, सहकर्मियों का शोषण किया और ब्लेकमेल किया गया ।

लव जिहाद के मामलों से हिंदू-मुस्लिम समुदायों की एक दूसरे के प्रति विश्वसनीयता में कमी आई है। कुछ जगह हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन भी किए। मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 इन मामलों में मुख्य कानूनी आधार है, जो जबरन धर्म परिवर्तन के लिए 7 साल तक की सजा का प्रावधान करता है। 2025 तक 200 से अधिक मामले इस कानून के तहत दर्ज हुए है। भोपाल और बिछड़ौद में एसआईटी का गठन किया गया, जो अंतरराज्यीय नेटवर्क की जांच कर रहा है।
लव जिहाद के कुछ मामलों में संगठित गिरोहों की भूमिका सामने आई है, जिनमें विदेशी फंडिंग की आशंका है। वहीं पुलिस की खुफिया व्यवस्था और साइबर निगरानी की कमी कई मामलों में देखी गई। पीड़िताओं को सामाजिक कलंक और कोर्ट में अपमान का सामना करना पड़ता है। इस कारण से पीड़िताओं के घर के लोग पुलिस और कोर्ट के सामने जाने से हिचकते है। इंदौर में एक पीड़िता ने अपमान के बाद इच्छामृत्यु तक की मांग कर ली थी।

लव जिहाद का जाल न केवल अपराध का मामला है, बल्कि भारतीय संस्कृति और सामाजिक संतुलन पर हमला भी है। यह सामुदायिक विश्वास और महिलाओं की सुरक्षा की परीक्षा है। सरकार और समाज के लिए कुछ कदम आवश्यक हैं। लड़कियां ऐसे जाल में न फसें इसके लिए जागरूकता अभियान चला कर युवतियों को सोशल मीडिया के खतरों और फर्जी पहचान के बारे में शिक्षित करना जरुरी है। साइबर निगरानी और खुफिया तंत्र को मजबूत करना होगा। पुलिस और कोर्ट को पीड़िताओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन होना चाहिए। साथ ही घर परिवार में भारतीय संस्कार,हिंदू संस्कृति और सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए ताकि बच्चियां ऐसी साजिशों का शिकार न बनें। लव जिहाद के मामले मध्य प्रदेश में एक जटिल चुनौती बन रहे हैं, जिसका समाधान सख्त कानूनी कार्रवाई, सामाजिक जागरूकता, और सामुदायिक एकता से किया जाना चाहिए। (विभूति फीचर्स)

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