भारत माता की जो बच्चे, बढ़ा रहे हैं शान ,
हम हिन्दुस्तानी कहते हैं, उनको वीर जवान।
रज माता के चरणों की जो , रखते अपने शीश,
नहीं जानते वे सेनानी, कहते किसे थकान।
दुश्मन के मंसूबों पर नित , डाला करते नीर ,
वतन हेतु रिश्ते सुख सुविधा, जान करें कुर्बान।
सेवा का संकल्प न भूलें, रखें राष्ट्र से प्रीति ,
सदा एकता अखंडता का , सैनिक करते गान ।
देश भक्ति जिनका गहना है, साथी जिनकी जीत ,
सच्चे सेनानी का वे ही , पाते हैं सम्मान।
हमें गर्व हर सैनिक पर ये , लाल बड़े अनमोल,
स्वर्णाक्षर में यही लिखाते, भारत की पहचान।
— मधु शुक्ला ,सतना , मध्यप्रदेश