neerajtimes.com – हमारे देश का सिरमौर कहा जाने वाला राज्य जम्मू कश्मीर काफी लम्बे समय से घुसपैठियों से ग्रसित है। यह घुसपैठिये हमारे देश में आस्थिरता फैलाना चाहते हैं और इसके लिए यह निहत्थे नागरिकों से लेकर सैनिकों पर भी हमले करते रहते हैं। हमारी सेना समय समय पर इनको मुंह तोड़ जबाब देती रहती है। एक ऐसे ही घटना सन् 2006 में 02 और 03 मई की रात में श्रीनगर के कंगन में घटी जिसमें हमारी सेना के बहादुर सैनिकों ने दहशतगर्दों को तो परलोक भेज दिया लेकिन हमारे एक बहादुर यौद्धा लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए । आज जनपद चंदौली के उन वीर यौद्धा सवार धीरज सिंह का वीरगति दिवस है ।
सवार धीरज सिंह 3 कैवेलरी के सैनिक थे और प्रतिनियुक्ति पर सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे । 24 राष्ट्रीय राइफल्स को एक घर में तीन आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली। 24 राष्ट्रीय राइफल्स ने संदिग्ध घर को चारों ओर से घेर लिया। सवार धीरज सिंह इसी घेराबंदी दल के सदस्य थे। 2315 बजे घेराबंदी पार्टी द्वारा घेरे गए घर में घुसने का प्रयास करते समय एक आतंकवादी ने दूसरे आतंकवादी द्वारा की जा रही भारी कवरिंग फायर के बीच आत्मघाती आक्रमण करने का प्रयास किया। प्रभावी गोलीबारी के जद में होने के बावजूद, सवार धीरज सिंह ने अपनी स्थिति संभाली और अपनी पार्टी को आंतकवादी प्रयास के प्रति सचेत किया। इसके तुरंत बाद, दूसरे आतंकवादी ने उसके प्रवेश में सहायता देने के लिए घेराबंदी तोड़ने का प्रयास किया। सवार धीरज सिंह ने अपने दल के लिए आसन्न खतरे को भांपते हुए अपनी फायर-लाइन की ओर बढ़ने वाले आतंकवादी पर धावा बोल दिया और उसे मार गिराया। तथापि, इस प्रक्रिया में वह घायल हो गए । निरंतर रक्त बहने और अपनी चोट की परवाह न करते हुए उन्होंने बिना किसी भय के दूसरे आतंकवादी की गालियों की बौछार का पुनः सामना किया और उसे उलझाए रखा। आतंकवादी उनकी हिम्मत को देखकर हतप्रभ रह गया और इससे पहले कि वह कुछ कर पाता सवार धीरज सिंह ने उसे मार गिराया । इस पूरी कार्यवाही के दौरान लगातार बह रहे खून के कारण अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए सवार धीरज सिंह मां भारती की गोद में चिर निद्रा में लीन हो गये।
सवार धीरज सिंह को उनकी वीरता और कर्तव्यपरायणता के लिए उन्हें 02 मई 2006 को मरणोपरान्त “शौर्य चक्र” से सम्मानित किया गया। सवार धीरज सिंह की वीरता और बलिदान की याद में उनके गांव में तत्कालीन विधायक सुशील सिंह द्वारा एक प्रतिमा लगायी गयी है तथा इनके गांव को आने वाली सड़क पर एक शौर्य द्वार का निर्माण विधायक प्रभुनारायण यादव और जनप्रतिनिधि अमलावती यादव द्वारा करवाया गया है । वर्तमान समय में यह शौर्य द्वार काफी ख़राब हालात में है। यह एक बार गिर भी चुका है, इसे पुनः ग्रामीणों ने अपने चंदे से बनवाया है । जनपद चंदौली की आम जनता में अपने जनपद के इस वीर के प्रति इतना सम्मान है कि वह हर हाल में अपने वीर के साथ खड़ी हुई दिखती है । इनकी प्रतिमा के ऊपर पहले छत नहीं थी, इनके गांव के पास स्थित पी. एन. वी. इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों और शिक्षकों ने 46 हजार रुपये एकत्रित कर अपने वीर सपूत की प्रतिमा के ऊपर छत का निर्माण करवा दिया ।
सवार धीरज सिंह जनपद चंदौली के एकमात्र शौर्य चक्र से सम्मानित सैन्य यौद्धा हैं। इस जनपद के किसी भी सैनिक को अब तक इतना बड़ा सम्मान नहीं मिला है, आपको यह बताते चलें कि शौर्य चक्र शांति काल का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है । लेकिन स्थानीय प्रशासन इनके वीरता और बलिदान के सम्मान के प्रति उदासीन है । इनके पिता मधुकर सिंह का सरकार से कहना है कि सवार धीरज सिंह के नाम पर बने शौर्य द्वार की सुधि लेनी चाहिए और या तो उसकी मरम्मत करवानी चाहिए या उसके स्थान पर एक भव्य शौर्य द्वार बनवाना चाहिए, और उस सड़क का नामकरण सवार धीरज सिंह, शौर्य चक्र के नाम पर करना चाहिए जिससे हमारे गांव के आसपास के युवा अपने क्षेत्र के इस वीर से प्रेरणा लेकर देश की सेवा के लिए उन्मुख हों । उनका कहना है कि सवार धीरज सिंह आज केवल मेरा बेटा नहीं वह देश का बेटा बन गया है , उसके मान सम्मान की जिम्मेदारी देश और भारतीय सेना की भी है ।
सवार धीरज सिंह का जन्म 03 मई 1984 को उत्तर प्रदेश के जनपद चन्दौली के गांव हिंगुतरगढ़ में श्रीमती ललिता देवी तथा श्री मधुकर सिंह के यहां हुआ था। इनकी प्राथमिक स्कूली शिक्षा सनरेज पब्लिक स्कूल, हिंगुतरगढ़ एवं बारहवीं तक की शिक्षा अमर वीर इंटर कालेज धानापुर से हुई। यह 30 जनवरी 2002 को भारतीय सेना की आर्मर्ड कोर में भर्ती हुए और प्रशिक्षण के पश्चात 3 कैवेलरी में तैनात हुए । बाद में इनकी तैनाती 24 राष्ट्रीय राइफल्स में हुई। इनके परिवार में इनके माता पिता के अलावा इनके भाई हवलदार नीरज सिंह , अमित कुमार सिंह और बहन नूतन सिंह हैं । यह अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे । यह स्कूल के दिनों से ही फुटबॉल के कुशल खिलाडी भी थे ।
– हरी राम यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश फोन – 7087815074