आज तृतीया अक्षय वाली, हम इसका गुणगान करें।
जगदीश्वर की मिले कृपा तो, सबके घर भंडार भरें।१
दिन पुनीत कल्याण प्रदाता, शुभ मुहूर्त सबसे उत्तम।*
शुभफल की अभिलाषा लेकर, लोग मांगलिक कार्य करें।२
स्वयंसिद्ध अति पावन यह दिन, भाग्य जगाता जन-जन के,
माँ लक्ष्मी की परम् कृपा हो, सबके दुख-दारिद्र टरें।३
श्रेष्ठ दिवस यह सकल वर्ष में, शुभ सुयोग हैं बन जाते।
छठे रूप में हुए अवतरित, श्री हरि सबके कष्ट हरें।४
जामदग्न्य के परम् क्रोध से, दहले हर अत्याचारी,
परशुराम के कठिन परशु से, सारे दुर्जन व्यक्ति डरें।५
– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव, अक्षय तृतीया