शान बखानी गदगद छाती,
बीर कुँअर भारत के थाती।
अंगरेज के मार भगइलन,
गर्वित भारत करें आरती।
निडर सयाना ऊँ मरदाना,
अस्सी में भी ठोके छाती।
अत्याचार जब हदसे बढ़ल,
अंगरेज के तुड़लन बाती।
देश प्रेम तन-मन झकझोरें,
क्रांतिदूत व्याकुल दिन-राती।
जगदीशपुर माटी के लाल,
ललकारें काटे उतपाती।
ब्रिटिश फौज चितकारे लागल,
युद्ध शुरु जोरे करामाती।
बीर सपूतो घायल भइले,
चढ़ छाती पर मारस लाती।.
गोली हाथें आके लागल,
काट हाँथ दिखलइले जाती।
पावन गंगा में दहवाके,
चर्चित कइले नाम आ ख्याति।
बीर कुँअर सम्मान देश के,
बीर कुँअर भारत के हस्ती।
जनगण मन से याद करेला,
हुलसित बाड़ी आज भारती।
– अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड