मनोरंजन

आँखों की मस्ती – सविता सिंह

तेरी आँखों से बचना है मुश्किल,

तभी तो सब कहे तुझे कातिल।

 

तेरी आँखों में इक समंदर है,

डूब जाने कि कसम खाई है।

 

तैरना भी हमें नहीं आता,

और सीपी से आशनाई है।

 

तेरी आँखों में ये जो काजल है,

रेखा लक्ष्मण कि भी लगाई है।

 

पार इसको भला करें कैसे,

फिर तो होनी सनम जुदाई है।

– सविता सिंह मीरा , जमशेदपुर

Related posts

गजब भय देशव मा हरी तोहार हाल हो – हरी राम यादव

newsadmin

पुरस्कारों की बंदर बांट – डॉ. सत्यवान सौरभ

newsadmin

जिंदगी बस यूँ ही थी – सविता सिंह

newsadmin

Leave a Comment