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जो अपनों का मान बढ़ाए – प्रियंका सौरभ

संघर्षों में डटे रहो तुम,

हाथ अपनों का थाम लो,

गैरों के आगे क्यों झुकना,

सम्मान अपना जान लो।

(2)

जीवन की राह कठिन सही,

पर हिम्मत को मत छोड़ो,

जो अपने सच्चे साथ खड़े,

उनसे नाता मत तोड़ो।

(3)

आंधी आए, तूफां आए,

डरकर  पीछे ना हटो,

जब अपने संग खड़े रहें,

तो तुम भी साहस से डटो।

(4)

अपनों की छाँव सुकून दे,

जहाँ स्नेह का बसेरा हो,

दुनिया के छल से बच जाना,

बस प्यार भरा सवेरा हो।

(5)

सम्मान वही जो घर में मिले,

जो अपनों का मान बढ़ाए,

गैरों के आगे सिर न झुके,

परिवार का साथ निभाए।

(6 )

चलो संग-संग, कदम बढ़ाएँ,

मुश्किलों से ना घबराएँ,

जो अपनों का मान बढ़ाए,

वही जग में मान पाए!

-प्रियंका सौरभ, उब्बा भवन, आर्यनगर,

हिसार (हरियाणा)-127045 (मो.) 7015375570

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