neerajtimes.com देवबंद (गौरव विवेक)। पार्थ साहित्यिक संस्था के द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ योगेंद्र सुंदरियाल के जन्मदिन के शुभ अवसर पर
कवि सम्मेलन का आयोजन मितरसैंन चौंक पर स्थित एक सभागार में किया गया कार्यक्रम का उद्धघाटन राहुल कोशिक ने किया दीप प्रज्ज्वलित भाजपा नेता राकेश गांगुली ने सरस्वती माल्यार्पण संस्था अध्यक्ष मीनाक्षी दिनेश कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रीतम सिंह ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ अल्का मिश्रा की सरस्वती वंदना से किया गया।
फलक से जमीं पर निहारोगे कैसे
मोहब्बत में हमको पुकारोगे कैसे।
बबीता अजीत राणा नोएडा –
प्यार के सब गीत ही मन में रहे,
जब तलक ये प्राण इस तन में रहे।
सत्य को जिसने सदा ही सच कहा,
हम उसी के ही समर्थन में रहे।
डॉ योगेंद्र सुंदरियाल दिल्ली –
कोई सिकंदर वहम ना पाले दुनिया जीत लेने का,
काया मिट्टी बन जाती है,सरदार बदलते रहते हैं।
अरुण शर्मा मेरठ –
थोड़ी सी तरक्की को मेरी देख के यारों,अपना भी जल गया है,पराया भी जल गया।
दो चार दिन की मुस्तकिल बारिश के बाद फिर,ऐसी पड़ी है धूप कि साया भी जल गया।।
प्रदीप मायूस शामली –
मान लिया कुछ रिश्ते कच्चे देखे हैं,
बिन बचपन जीते भी बच्चे देखे हैं।
ये सारा संसार टिका जिन कंधों पर,
लोग यहां ऐसे भी सच्चे देखे हैं।
मीनाक्षी दिनेश कुमार –
ये कहते वो कि इश्क में इजहार जरूरी है,
थोड़ा हुज़ूर पहले इनकार जरूरी है ,
कुछ तो बदल गई है दुनिया की रवायत भी,
अब भी मगर अपनों का संसार जरूरी है ।।
अलका मिश्रा कानपुर –
इनके अलावा प्रीतम सिंह, सुनील अरोड़ा, बलराज मलिक, डॉ सुधीर कुमार, डॉ अनिल कुमार, विनीत भारद्वाज आदि ने काव्य पाठ किया
कार्यक्रम में राकेश गांगुली, सरदार सुरजीत सिंह, कुणाल धीमान, रितेश कुमार, विशु कुमार, अखिलेश बंसल, मनोज कुमार, अनुज सिंघल, अरविंद कुमार, रितेश कुमार, कमल तुषार आदि शामिल रहे। अंत में कार्यक्रम संयोजक गौरव विवेक ने सभी का आभार व्यक्त किया