मनोरंजन

ठहरा हुआ हरापन – ज्योत्सना जोशी

कुछ छूटी हुई जगहों में

रखे हुए पल ,

बीते हुए अहसास

जाते हुए वक्त संग बंद मुट्ठी में

सांसें समेटे  ,

एक एक गिरते हुए पात और

आते हुए कोंपल के इस मध्यांतर

में कुम्हलाया हुआ मर्म भरकर

वो ठहरा हुआ हरापन

शब्द शून्य सा कुछ है

– ज्योत्सना जोशी , देहरादून

Related posts

अनन्या फाउंडेशन का कार्यक्रम हिन्दी भवन सम्पन्न

newsadmin

बंगाली अभिनेता अभिषेक चटर्जी का 57 साल की उम्र में निधन, CM ममता बनर्जी ने ट्वीट कर जताया शोक

admin

सशक्त हस्ताक्षर की काव्य गंगा हुई प्रवाहित

newsadmin

Leave a Comment