मनोरंजन

विवश विद्यार्थी चुन रहे – प्रियंका सौरभ

भारी ट्यूशन भीड़ में, सब बच्चे एकांत।

रैंकिंग के दबाव में, रह ना पाए शांत।।

 

भोले बचपन पर चले, ऐसे मारक तीर।

जीवन कुंठित-सा हुआ, लिए कोचिंग पीर।।

 

निगल गई प्रतियोगिता, मूक हृदय के भाव।

सच में अत्याचार है, कोचिंग का लगाव।।

 

चलते ट्यूशन नाम पर, कागज़ के जलयान।

सौदा करती मौत का, ये ऐसी दूकान।।

 

बिकती शिक्षा सड़क पर, भविष्य है गुमराह।

विवश विद्यार्थी चुन रहे, आत्महत्या की राह।।

 

कुछ सुलगते प्रश्न हम, करे स्वयं से आज।

अगर न बच्चे ही रहे, होगा किस पर नाज़।।

 

सौरभ उठने आज दो, सच्ची हिय हुंकार।

मन से हर बच्चा पढ़े, हटे कोचिंग भार।।

-प्रियंका सौरभ , उब्बा भवन, आर्यनगर, हिसार

(हरियाणा)-127045 (मो.) 7015375570 (वार्ता+वाट्स एप)

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