इक झलक तेरा दिखाना याद है,
प्यार मे सब कुछ निभाना याद है।
बात मीठी का खजाना याद है।
आपका हमको हँसाना याद है।
देख कर नजरें झुकाना याद है।
आशिकी का वो जमाना याद है।
वो बने मासूम करते दिल्लगी,
आज भी उसका मनाना याद है।
इक झलक को यार तरसे हम बड़े,
सामने तुम मुस्कुराना याद है।.
जिंदगी है खूबसूरत आपसे,
वो खुशी का अब बिछौना याद है।
प्यार हमसे तुम छुपाते रह गये।
झूठ बोले,हड़बडाना याद है।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़