उत्तर प्रदेश मनोरंजन

एएडी के सेवानिवृत्त सैनिकों ने “गगन रक्षक लखनऊ” के बैनर तले मनाया 32 वां स्थापना दिवस

neerajtimes.com लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लखनऊ में निवास कर रहे कोर ऑफ आर्मी एयर डिफेंस (ए ए डी) के सेवानिवृत्त सैनिकों तथा रायबरेली के सेवा निवृत्त सैनिकों ने आज लखनऊ में रायबरेली रोड पर स्थित साईं विहार गेस्ट हाउस में “गगन रक्षक  लखनऊ” के बैनर तले अपना 32वां स्थापना दिवस मनाया । इस अवसर पर सेवा निवृत्त सैनिकों ने अपनी कोर के गौरवशाली इतिहास और अपनी कोर के बेहतर भविष्य की कामना के साथ अपनी कोर के युद्ध घोष ‘आकाशे शत्रून जहि’ के नारे के साथ लखनऊ के आकाश को गुंजायमान कर दिया।

इस अवसर पर आर्मी एयर डिफेंस कोर की विभिन्न यूनिटों के लगभग 65 सेवानिवृत्त सैनिकों ने इस  समारोह में शिरकत किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत कोर आफ आर्मी एयर डिफेंस  के कोर गीत के साथ हुई,आये हुए सैनिकों को केंद्रीय सैनिक बोर्ड, राज्य सैनिक बोर्ड तथा उत्तर प्रदेश सैनिक कल्याण पुनर्वास निधि द्वारा सेवानिवृत्त सैनिकों, वीर नारियों और वीरता पदक विजेताओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के साथ साथ गांवों में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया गया।  समारोह में सम्मिलित सभी सैनिकों ने अपने सेवानिवृत्ति के बाद के अनुभवों को मंच पर साझा किया और अगले वर्ष इस समारोह को परिवार के साथ विस्तृत रुप से मनाए जाने का निर्णय लिया।

आपको बताते चलें कि यह सेना की वह इकाई है जिसकी तोपों  की छाया को देखकर दुश्मन देश की वायु सेना थर्राती है। इस कोर के पास जमीन और हवा में दुश्मन को धूल चटाने की विशाल क्षमता है। इसकी गगनभेदी तोपों, मिसाइलों और रडार सिस्टम से कोई भी हवा में उड़ने वाली प्रणाली बच नहीं सकती। इसी के बल पर इसने अब तक लड़े गये युद्धों विशेषकर 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी वायुसेना की कमर तोड़ दी थी।

हमारे देश में आर्मी एयर डिफेंस की शुरुआत 1939 में हुई थी।  द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी हवाई हमलों से निपटने के लिए एयर डिफेंस यूनिट का गठन किया गया था। सही मायने में कोर ऑफ आर्मी एयर डिफेंस की स्थापना 15 सितंबर 1940 को शुरू हुई, जब नंबर 1 एंटी-एयरक्राफ्ट ट्रेनिंग सेंटर ने कोलाबा (मुंबई) में अपनी स्थापना शुरू की और यह स्थापना जनवरी 1941 में कराची में पूरी हुई। स्वतंत्रता के बाद  कोर ऑफ आर्मी एयर डिफेंस, आर्टिलरी रेजिमेंट का हिस्सा बनी रही और  10 जनवरी 1994 को एक अलग इकाई के रूप में विभाजित हो गयी। ।

कोर ऑफ आर्मी एयर डिफेंस का गौरवशाली इतिहास रहा है । अब तक लड़े गये विभिन्न युद्धों में इस कोर की यूनिटों को 04 युद्ध सम्मान और इस कोर के वीरों को उनकी वीरता के लिए 04 मिलिट्री क्रॉस, 02 आर्डर आफ द ब्रिटिश अम्पायर, 01 मेडल आफ द ब्रिटिश अम्पायर,  07 भारतीय प्रतिष्ठित सेवा पदक,   17 वीर चक्र, 01 कीर्ति चक्र, 03 शौर्य चक्र और 49 सेना मेडल से अलंकृत किया गया है।

इसके गौरवशाली इतिहास, देश की रक्षा में योगदान और उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए सन् 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने 28 सितंबर को गोपालपुर में  एक स्वतंत्र इकाई के रूप में 25 साल पूरे होने पर राष्ट्रपति के ध्वज से सम्मानित किया।

Related posts

नदियाँ सबको समझाती हैं – भूपेश प्रताप सिंह

newsadmin

ग़ज़ल – ऋतु गुलाटी

newsadmin

भगत सिंह भूले नहीं – डॉ सत्यवान सौरभ

newsadmin

Leave a Comment