दीप उत्सव सम न कोई पर्व भाया आपको,
छवि रमा ने मार्ग यह शायद दिखाया आपको।
भाग्य का तम कम करेगा रोशनी का पर्व यह,
ज्ञान यह भौतिक जगत ने ही थमाया आपको।
स्वच्छता अनमोल है यह बात शत-प्रतिशत सही,
पर प्रदूषण ध्वनि ,पवन का दिख न पाया आपको।
ज्योति पावन हो जहॉ॑ सद् कर्म की रहतीं वहीं,
मात लक्ष्मी क्या नहीं गुरु ने बताया आपको।
शुचि पवन , संबंध ‘मधु’ उद्देश्य है दीपावली,
दीपमाला का यही संदेश आया आपको ।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश