कैसे करें गर्व देश पर,
हो कैसे स्वतंत्रता दिवस का अभिमान?
हो रहा जब अपने ही देश में,
डॉक्टर बेटियों का अपमान!
नारा देते बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ,
आत्म निर्भर उनको बनाओ।
पढ़ लिख डाक्टर बन जाती,
क्या मिल पाता उनको आत्म सम्मान?
लोगों की जान बचाने ख़ातिर
जन सेवा करती,भूल ऐशो-आराम।
छत्तीस घंटे सेवा देकर भी भक्षकों,
अत्याचारियों से न बचा पाती अपनी जान।
नहीं सुरक्षित देश की नारी,
करते विचरण स्वतंत्र देश में,
खुलेआम आज भी व्यभिचारी।
स्वतंत्र नहीं,स्वच्छंद हो गये,
भूल गए हम नैतिकता सारी।
बलिदानों से क्रांतिकारियों के
मिल गयी स्वतंत्रता,मान सम्मान,
पर आज़ादी का मतलब क्या
ये आज भी क्या हम सके हैं जान?
होगा नहीं हमें इस स्वतंत्रता दिवस पर
देश पर गर्व और अभिमान,
जब तक नहीं रूकेगा देश में,
नारी का दमन ओर अपमान!
-सुमन शर्मा, लुधियाना, पंजाब