( 1 ) आया पावस
शुभ जन्मदिवस पाँचवा,
खिल महक उठा घर आँगन !
चमक रहा विराज का सुंदर शुभानन….,
और बरसें नेह मेह के बादल होकर प्रसन्न!!
( 2 ) श्रावण मास
भोले का महीना,
चलें गाते झूमते सभी भक्त !
विराज गाए महिमा शिव की न्यारी…,
और चलें मुस्कुराए हँसे शुभांगी देवयश!!
( 3 ) नाना-नानी
शुभम प्यारा मामा,
लाए सौगात उपहार नए-नए !
खुश हुआ देखके ये सभी विराज ….,
और चला मस्ती में झूमें गीत गुनगुनाए !!
( 4 ) दादा-दादी
बुआ भाई आरव,
चलें लुटाते स्नेह प्रेम प्यार !
खुशियों की इस पावन बेला पर…..,
चहुँओर से बरस रहीं अमृत कृपाएं अपार!!
( 5 ) शुभ हो
पावन मंगल जन्मदिवस,
हरेक पल हों आनंद से भरे !
सदैव विराज चले यहाँ पे खिलखिलाए…,
और जीवन में मिलें सभी की आशीष दुआएं!!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान