( 1 ) जय जय जय
श्रीविश्वनाथ-शारदे हरे,
आपका करते हैं हम हृदय से अभिनंदन !
आप बनें सभी के प्रिय आत्मीय स्वजन…,
हम करते आपकी भूरी-भूरी प्रशंसा वंदन !!
( 2 ) नए नए नए
रूप धरे चले प्रभो,
और बरसाते रहे अपनी कृपा-दुआएं !
बह रही चहुँओर से प्रेम आनंद बयारें…,
स्वर्णिम विवाह वर्षगांठ उमंग संग मनाएं !!
( 3 ) रमें रमें रमें
शारदे विश्वनाथ भोले,
चलें मस्ती का चोला सदा ओढ़ते !
रहें प्रसन्न और वचन मीठे बोलें…..,
चलें शुभाशीर्वाद, आशीष सभी पे लूटाएं !!
( 4 ) जपें जपें जपें
सदैव महामृत्युंजय मंत्र,
और चलें प्रसादी श्रीबालाजी को चढ़ाए !
बनें परिवार के अग्रज रक्षक विघ्नहर्ता..,
चले सभी पे प्रेम आनंद की पुष्पवर्षा बरसाए !!
( 5 ) करें करें करें
श्रीदेवाधिदेव की आरती,
रूद्रपाठ दुग्ध जलाभिषेक हर्षाए !
बनें आप ही हो नाथ प्रेरणा संबल-शक्ति..,
चलें आपसे पाते जीवन सौगातें हम हर्षाए !!
( 6 ) आए आए आए
बन केसरीनंदनशंकर स्वयं,
बसें रोम-रोम हृदय में आप ही हो प्रिय !
आए संगीता मनीष सुंदर मनोभाव संजोए….,
करने यहाँ पे ये अप्रतिम आयोजन दिव्य भव्य !!
( 7 ) हरे हरे हरे
हर-हर गंगे स्वामी,
शारदे विश्वनाथ चले गंगा नहाए !
चलें श्रीविश्वपति की आरती उतारें….,
अब जीवन उत्कर्ष की ओर चले कदम बढ़ाए !!
( 8 ) मिले प्रियवर मिलें
शौर्य, सान्वी, शनाया,आरणा,
लगी धन्य हुईं सारी जीवन धारणाएं !
सभी शुभानन खिले-खिले गीत गुनगुनाएं..,
बसाए हृदय कमल में लिए शुभकामनाएं !!
( 9 ) आईं लौट आईं
पल क्षण सभी मधुर स्मृतियाँ,
धन्य हुई चली जीवन बगिया सरसाए !
हैं स्वर्णिम रथपे सवार श्रीलक्ष्मी विष्णुपतिरूप.,
चलें जीवन उत्सव पर्व उमंग जोश संग मनाएं !!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान