मनोरंजन

तुम ? – सुनीता मिश्रा

क्या हो तुम?

क्या इसका तनिक भी अंदाजा है तुम्हें?

नहीं ना?

तो आओ बताती हूँ..क्या हो मेरे लिए तुम?

हाँ

मेरे लिए

इक शब्द हो तुम?

नही, नहीं, शब्दों से भी परे हो “तुम”

इक एहसास हो तुम?

नही, नही, एहसासों से भी परे हो “तुम”

इक ख्वाब हो तुम?

नहीं, नहीं, ख्वाबों-ख्यालों से भी आगे मेरी

जिंदगी हो “तुम”

तुम्हें शब्दों में पिरोना

नही है मुमकिन,

तुम्हारा कोई जोड़ नहीं

तुम, बस तुम हो

बेजोड़ हो “तुम”

मेरे दिल की सुकून हो

“तुम”

✍सुनीता मिश्रा, जमशेदपुर

Related posts

मसूरी – झरना माथुर

newsadmin

जीवन-मृत्यु – राजीव डोगरा

newsadmin

रचना को परनाम है – अनिरुद्ध कुमार

newsadmin

Leave a Comment