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राजस्थान – सुनील गुप्ता

” रा “, राजपूताना घणा ही चोखो,

एक बार अवश्य यहाँ पधारो जी  !

अठै आकर देखो म्हारो किलो…..,

गढ़ नगरी मंदिर चौबारा हवेली जी !!

और खावो उड़ावो मौज मस्ती करता.,

राबड़ी मालपुआ बूँदी का लाड्डूजी !! 1 !!

 

” ज “, जयपुर है राजधानी राजस्थान री,

कहलावे गुलाबी नगरी ये जगत प्रसिद्ध जी  !

अठै गढ़गणेश आमेर जयगढ़ देखो…,

और करो ख़ूब सैर-सपाटा हवामहल की जी!!

साथ ले चालो घरां वास्ते कुछेक पकवान..,

घेवर फीणी और शंकररी नमकीन जी !! 2!!

 

” स् “,स्वर्ग सी सुंदर है चौखी म्हारी धरां,

है ये धरां मरुधरा वीरांगना री धरती   !

अठै आकर थै पाओगे घणा सुख चैन…,

और लेना विश्राम देखते जंगल सफारी जी !!

साथ ले जाना बींदणी ख़ातिर एक चुणरी…,

और शान री प्रतीक पगड़ी चौखी सी !! 3 !!

 

” था “,थाको इक बात बताणा चाहूँगा जी,

कि, म्हारो राजस्थान री छटा है अलबेली जी !

अठै घणा ही पर्व उत्सव जाएं मनाएं हरेक बरस

और पुष्कर के मेला री है अनोखी छटा जी!! 4!!

 

” न”,नमस्ते खम्मा घणी,सभी को राम-राम जी,

आवो एक बार जी पावणो पधारो म्हारे देश जी !

म्हारा प्रदेश है घणो सुंदर,देखो अठै आकर…,

और ले जावो सगळा मीठी यादें साथ जी!! 5!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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