वो मुझे अपना गये हैं
पल सभी महका गये हैं।
धड़कनों को जिंदगी दे
सांस को लौटा गये हैं।
प्यार को महसूस करके
वो दिखा सपना गये हैं ।
खेल बचपन के सुहाने
दिल को भी बहला गये हैं।
हौसला जिनके परों में
आसमां पर छा गये हैं ।
बुनके अहसासों में मुझको
प्रेम को बतला गये हैं।
एक झलक अपनी दिखा के
*ज्योति* बस तड़पा गये हैं।
ज्योति अरुण श्रीवास्तव, नोएडा, उत्तर प्रदेश